10 अक्टूबर की तिथि महाविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वर्तमान वर्ष में यह तिथि महाविद्यालय के संस्थापक परम पूज्य साहू जगदीश सरन जी की 124 वीं जयंती तथा जगदीश सरन हिन्दू (पी.जी.) कॉलेज, अमरोहा के 62 वें स्थापना दिवस की शुभ घड़ी है।महाविद्यालय परिवार द्वारा महाविद्यालय के आधार स्तंभ एवं संस्थापक परम श्रद्भेय साहू जगदीश सरन जी के प्रति अपनी कृतज्ञता एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कल उनके जन्मदिवस को संस्थापक दिवस समारोह के रूप में पूरे हर्षोल्लास एवं भव्यता के साथ मनाया गया।
संस्थापक दिवस समारोह का शुभारंभ भारतीय पारंपरिक तरीके से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ-हवन के द्वारा किया गया। इसके साथ ही संस्थापक दिवस समारोह में पधारे मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों, महाविद्यालय प्रबंध समिति के सम्मानित सदस्यों एवं महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा महाविद्यालय परिसर में स्थापित साहू जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्परूपी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। तत्पश्चात महाविद्यालय के सभागार में मुख्य समारोह के अंतर्गत मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य आगंतुक अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए, साथ ही मां सरस्वती, संस्थापक साहू जगदीश सरन जी तथा महाविद्यालय की विकास यात्रा में सहयोगी अन्य विभूतियों के चित्रों पर माल्यार्पण भी किया। इस अवसर आयोजित संस्थापक दिवस समारोह में मंचासीन मुख्य अतिथि डॉ० हरि सिंह ढिल्लों, सदस्य विधान परिषद, उ०प्र०, विशिष्ट अतिथि श्री भगवान शरण, अपर जिलाधिकारी, अमरोहा, प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री संजय मालीवाल, मंत्री श्री योगेश कुमार जैन, उपाध्यक्ष श्री लीलाधर अरोड़ा, कोषाध्यक्ष एवं समारोह के संयोजक उमेश कुमार गुप्ता, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० वीर वीरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में महाविद्यालय के संस्थापक साहू जगदीश सरन जी के व्यक्तित्व एवं सामाजिक एवं शैक्षिक क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए योगदानों की विस्तृत चर्चा की।
समारोह में मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य माननीय डॉ० हरि सिंह ढिल्लो ने अपने संबोधन में कहा कि हमें समाज के लिए हमेशा सकारात्मक योगदान करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि अपर जिलाधिकारी श्री भगवान शरण ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए समाज में नैतिकता और मूल्य संवर्धन एवं विकास में उनकी भूमिका निर्वहन पर बल दिया। के. ए. (पी.जी.) कॉलेज, कासगंज के प्राचार्य एवं राजनीतिशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो० डॉ० अशोक रुस्तगी ने इस अवसर पर साहू जगदीश सरन जी के दया, दान और धर्म की विस्तार से चर्चा की। संस्थापक दिवस समारोह की समन्वयक तथा हिंदी विभाग की अध्यक्षा प्रो० बीना रुस्तगी ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले मेधावी छात्र एवं छात्राओं को मंचासीन आगंतुक अतिथियों के द्वारा पुरस्कृत कराया। इस अवसर पर कुछ विशेष पुरस्कार स्वर्गीय अभिनंदन जैन स्मृति पुरस्कार, स्वर्गीय सुमत कुमार जैन स्मृति पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
अंत में प्राचार्य डॉ० वीर वीरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में महाविद्यालय स्तर पर होने वाली विकासात्मक उपलब्धियों और योजनाओं पर प्रकाश डाला और सभी के आगमन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह का संचालन डॉ० अरविंद कुमार शास्त्री ने भाषाई, अलंकारिक एवं काव्यात्मक प्रवीणता के माध्यम से बड़ी ही कुशलता के साथ किया। डॉ० अरविंद ने स्वरचित कविता के माध्यम से महाविद्यालय की विकास यात्रा का वर्णन बड़े भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुतिकरण किया। जिसमें उन्होंने महाविद्यालय के संस्थापक साहू जगदीश सरन जी से लेकर वर्तमान समय तक के प्रमुख शिल्पकारों के सामाजिक एवं शैक्षिक क्षेत्र में उनके योगदान को समयबद्ध रूप से संकलित किया। इस शुभ अवसर पर महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका 'चेतना' का लोकार्पण भी आगंतुक अतिथियों द्वारा किया। महाविद्यालय परिवार के द्वारा समारोह में आये सभी अतिथियों को स्मृति स्वरूप प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र (शाॅल) भेंटकर सम्मानित भी किया गया। महाविद्यालय प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने महाविद्यालय परिवार की टीम भावना को काफी सराहा। इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ० पवन कुमार जैन, डॉ वंदना रानी गुप्ता, महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी गण, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।